विशेष भर्ती अभियान श्री महाकाल लोक नवीन सूचनाएँ प्रकाशन अब तक दिनांक: शीर्षक: Krutidev Chanakya कमेंट ईमेल प्रिंट प्रकृति संरक्षण के लिये ग्रीन स्किलिंग को जीवन का अभिन्न अंग बनाना होगा : मंत्री श्री टेटवाल “ग्रीन स्किलिंग: सतत् भविष्य के लिए ज्ञान साझा करना” कार्यशाला संपन्न भोपाल : मंगलवार, जुलाई 23, 2024, 17:32 IST कौशल विकास एवं रोजगार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री गौतम टेटवाल ने "ग्रीन स्किलिंग सतत् भविष्य के लिये ज्ञान साझा करना" विषय पर प्रदेश स्तरीय कार्यशाला का शुभारंभ किया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य ग्रीन स्किलिंग में उपलब्ध संभावनाओं को तलाशना तथा विषय विशेषज्ञों के सहयोग से सतत भविष्य के लिए हरित कौशल और प्रौद्योगिकियों के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करना है। प्रकृति संरक्षण के लिये ग्रीन स्किलिंग को जीवन का अभिन्न अंग बनाना होगा। मंत्री श्री टेटवाल ने कहा कि देश के विकास में आईटीआई का महत्वपूर्ण योगदान है। यहाँ से प्रशिक्षित युवा विभिन्न कौशल में निपुण होकर न केवल अपनी बल्कि पूरे देश की प्रगति में योगदान दे रहे हैं। कौशल विकास संचालनालय ने व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में ग्रीन स्किल्स प्रशिक्षण के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की है। प्रदेश की शासकीय आईटीआई देवास, धार और छिंदवाड़ा को ग्रीन आईटीआई के रूप में विकसित किया है। इस पहल के तहत ग्रीन स्किल्स ट्रेड जैसे सोलर तकनीशियन (इलेक्ट्रिकल), स्मॉल हाइड्रो पावर प्लांट तकनीशियन, और मैकेनिक इलेक्ट्रिकल व्हीकल जैसे नए और अत्याधुनिक कोर्स शामिल किए गए हैं। इन प्रयासों से हमारी स्किल क्षमता का विस्तार हुआ है, जिससे युवाओं के लिये रोजगार तथा स्वरोजगार के बेहतर अवसर सृजित होंगे। प्रदेश की सभी शासकीय आईटीआई में भी नवीन ट्रेड्स की शुरुआत की गई है, जिससे विद्यार्थियों को ग्रीन स्किल्स के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने का मौका मिलेगा। यह कदम सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है की हम न केवल वर्तमान की आवश्यकताओं को पूरा करेंगे, बल्कि भविष्य की चुनौतियों के लिए भी स्किल्ड मेनपॉवर तैयार करेंगे। संचालक कौशल विकास श्रीमती हर्षिका सिंह ने बताया कि ग्रीन स्कीलिंग आईटीआई में ग्रीन जॉब सृजित करने, आईटीआई परिसर को सौर परिसर के रूप में विकसित करना, कम्पोस्टिंग के लिये गीले एवं सूखे कचरे का प्रबंधन और परिसर की सजावट और कुशल उपयोग के लिए वेस्ट पदार्थों का उपयोग करना, आईटीआई परिसर में ग्रीन लैंडस्केपिंग करना, वर्षा जल संचयन (रैनवाटर हार्वेस्टिंग) करना, जीरो वेस्ट और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देना आदि के लिये कार्ययोजना निर्मित की है। आईटीआई में ग्रीन स्कीलिंग से संबंधित कोर्स के संचालन के लिये उद्योगों के साथ ड्यूल सिस्टम ऑफ ट्रेनिंग (डीएसटी) के एमओयू निष्पादित किए गये हैं। कार्यशाला में ग्रीन स्किलिंग से संबंधित विभिन्न सत्रों में विषय- विशेषज्ञों द्वारा प्रस्तुतिकरण दिया गया। स्वाहा रिसोर्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड इंदौर के श्री समीर शर्मा, द्वारा स्वाहा रिसोर्स मैनेजमेंट की सस्टेनबल और प्रतिभा अधिग्रहण में विशेषज्ञता पर एवं सुश्री जानकी इमानी हैदराबाद द्वारा एसडीजी 2030 लक्ष्यों के तहत सस्टेनबल वस्त्रों के लिए विशेषज्ञों का कौशल उन्नयन पर प्रस्तुतिकरण किया गया। ओम्बक लाइफ चेन्नई की सुश्री श्रुति प्रकाश ने फर्नीचर तथा गृह सजावट के लिए ग्रीन मटेरियल पर, मुख्य महाप्रबंधक, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के श्री सौरभ श्रीवास्तव द्वारा गैर पारंपरिक उर्जा के प्रति प्रेरक कौशल और गैर पारंपरिक ऊर्जा के पर्यावरणीय लाभ पर प्रस्तुतिकरण दिया गया। उद्योगों के प्रतिनिधियों में पीएसडीसीसीआई मध्यप्रदेश के अध्यक्ष श्री संजीव अग्रवाल द्वारा स्किलिंग पर, साइनटेक टेक्नोलॉजीज़ प्राइवेट लिमिटेड के श्री अम्बरीश केला द्वारा हरित कौशल प्रौद्योगिकी पर एवं इकोफेव सर्विस प्राइवेट लिमिटेड, इंदौर के श्री संजय शर्मा द्वारा स्थायी व्यापारिक उपायों और प्रतिस्पर्धा वेतन के साथ अपने भविष्य को कैसे आकार दें विषय पर प्रस्तुतिकरण दिया गया। प्रदेश की सभी शासकीय आईटीआई के प्रिंसीपल, ट्रेनर सहित सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन, जल विद्युत, ग्रीन अप्रैल इत्यादि से संबंधित उद्योगों के प्रतिनिधि, विषय विशेषज्ञ और सतत स्किलिंग में काम कर रहे उद्यमी उपस्थित रहें। कार्यशाला में सचिव कौशल विकास श्री रघुराज राजेन्द्रन एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड श्री सोमेश मिश्रा उपस्थित रहे।

 



उप-मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा है कि सामाजिक समस्याओं पर संवेदनशील लेखन समाज का मार्गदर्शन करता है। कुरीतियों के सुधार के लिए प्रेरित करता है। हमेशा से लेखक और विचारकों ने शासन व्यवस्था को जागरूक किया है, सहयोग प्रदान किया है ताकि सुशासन की स्थापना हो और जन-सामान्य की समृद्धि और ख़ुशहाली सुनिश्चित हो। उप-मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने राज्य पशुपालन प्रशिक्षण संस्थान भोपाल के सभागार में संयुक्त संचालक जनसंपर्क श्री प्रलय श्रीवास्तव द्वारा लिखित पुस्तक “अभिव्यक्ति के चार दशक” का विमोचन किया। उप-मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने श्री श्रीवास्तव द्वारा उनके अनुभवों को रेखांकित करने के प्रयास की सराहना की। उन्होंने वेबसाइट और यूट्यूब चैनल “जागरूक” के लोगो का भी विमोचन किया।

कार्यक्रम में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पशुपालन एवं डेयरी विभाग श्री लखन पटेल, पूर्व मंत्री एवं विधायक श्रीमती अर्चना चिटनीस, विधायक श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी, पूर्व सांसद श्री आलोक संजर, वरिष्ठ पत्रकार श्री महेश श्रीवास्तव, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी श्री मनोज श्रीवास्तव सहित जनसंपर्क विभाग के वरिष्ठ और सेवानिवृत्त अधिकारी, पत्रकारगण और साहित्यकार उपस्थित थे।

पूर्व मंत्री एवं विधायक श्रीमती चिटनीस ने कहा कि शासकीय ज़िम्मेदारियों के निर्वहन की व्यस्तताओं के साथ अपने मौलिक विचारों को जीवंत रखना और समाज के हित में अनुभव साझा करने का यह प्रयास सराहनीय है। सेवानिवृत्त आईएएस श्री श्रीवास्तव ने कहा जनसंपर्क में प्रचार लेखन कार्य के साथ विचार लेखन का प्रयास सराहनीय है। वरिष्ठ पत्रकार श्री महेश श्रीवास्तव ने महाकवि कालिदास की कृति “मेघदूत” का उल्लेख करते हुए संयुक्त संचालक श्री श्रीवास्तव की कृति को मेघवर्णन की उपमा दी। उन्होंने कहा कि श्री प्रलय श्रीवास्तव ने अपने पिता मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार स्वर्गीय श्री सत्यनारायण श्रीवास्तव की लेखनी को जीवंत रखा है।

संयुक्त संचालक जनसंपर्क श्री प्रलय श्रीवास्तव ने पुस्तक की विषयवस्तु का विवरण दिया। उन्होंने बताया कि “अभिव्यक्ति के चार दशक” उनकी दूसरी पुस्तक है, जिसमें विगत 40 वर्षों के दौरान उनके द्वारा विभिन्न विषयों में लिखे गए समाचार पत्र- पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए लेखों का संग्रह तथा अन्य महत्वपूर्ण संस्मरण और संदर्भ समाहित हैं। उन्होंने सभी अतिथियों को अपनी पहली पुस्तक “मध्यप्रदेश में चुनाव और नवाचार” की प्रतियाँ भेंट की।

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