मध्य प्रदेश में रविवार को भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, रिक्टर पैमाने पर इस भूकंप की तीव्रता 3.0 दर्ज की गई। समाचार एजेंसी ने नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के हवाले से बताया है कि भूकंप इंदौर से करीब 151 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में धार में दोपहर करीब 1 बजे आया। भूकंप का केंद्र धरती की सतह से 10 किलोमीटर की गहराई में था। भूकंप की तीव्रता इतनी कम थी कि काफी लोगों को इसके झटके महसूस नहीं हुए।
भूकंप के झटके धार-आलीराजपुर में काफी तेज थे। भूकंप के झटकों को इंदौर में भी महसूस किया गया। मध्य प्रदेश में भूकंप के लिहाज से नर्मदा-सोन घाटी को फाल्ट जोन माना जाता है। यह जोन भूरूच से जबलपुर तक बताया जाता है। नर्मदा घाटी से इंदौर की दूरी 70 किलोमीटर है इस वजह से यह जोन 3 जबकि उज्जैन जोन दो में है।
सूबे में इंदौर, धार के साथ भूकंप के झटके आलीराजपुर, बड़वानी और खरगोन में भी महसूस किए गए। अधिकांश जगह इस भूकंप की तीव्रता 3.0 ही बताई जा रही है। साल 2001 में 26 जनवरी के दिन जब कच्छ में भूकंप आया था तब इसके झटके इंदौर तक महसूस किए गए थे।
विशेषज्ञों के मुताबिक भूकंप का अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। भूकंप कब और कहां आ सकता है, इसका अंदाजा बेहद मुश्किल है। हालांकि भूकंप आने से कुछ दिन पहले, कभी-कभी एक बड़े भूकंप के चेतावनी संकेत मिलने लगते हैं जैसे कि पशुओं का असामान्य व्यवहार और रात के समय आकाश में असामान्य चमक लेकिन इन्हें समझना आसान नहीं है।
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