सौर ऊर्जा के महत्व को पीएम नरेंद्र मोदी ने बहुत पहले लिया था पहचान

 


भारत विविध जलवायु वाला देश है। यहां सूरज की रोशनी भी भरपूर है। ऐसे में ग्लोबल वार्मिंग से जूझ रही दुनिया में सौर ऊर्जा के महत्व को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुत पहले ही पहचान लिया था। गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान ही उन्होंने इस पर काम शुरू कर दिया था।  पीएम मोदी के नेतृत्व में दुनिया में गुजरात चौथी सरकार थी जिसने न सिर्फ एक अलग क्लाइमेंट चेंज डिपार्टमेंट बनायाबल्कि सोलर एनर्जी पॉलिसी बनाने वाला पहला राज्य भी बना। गुजरात देश का पहला राज्य था जिसने सिंगल लोकेशन पर सबसे बड़ा सोलर पावर प्लांट देश को समर्पित किया था। पीएम मोदी ने वर्ष 2011 में ही यह विजन दिया था कि अगर हम सौर ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करें तो ऊर्जा की जरूरत कम खर्च में पूरी हो सकती है।

 

 

मोढेरा गांव 24 घंटे सौर ऊर्जा का उपयोग करने वाला देश का पहला गांव बन गया है। यहां प्राचीन और विख्यात सूर्य मंदिर भी है। मोढेरा गांव में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाया गया है। यहां सभी घरों और सरकारी दफ्तरों में 1300 से ज्यादा सौर ऊर्जा पैनल लगे हैं। इन्हें बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम यानी BESS के जरिए बैटरियों से जोड़ा गया है।

 

 

सारी बीमारियों को छोड़कर,  सबसे आगे चल रहा है गुजरात

 

20-25 साल पहले गुजरात की व्यवस्थाओं

को बहुत सी बीमारियों ने जकड़ा हुआ था।

 

एक बीमारी थी- स्वास्थ्य क्षेत्र का पिछड़ापन।

दूसरी बीमारी थी- शिक्षा में कुव्यवस्था।

तीसरी बीमारी थी- बिजली का अभाव।

चौथी बीमारी थी- पानी की किल्लत।

पांचवी बीमारी थी- हर तरफ फैला हुआ कुशासन।

छठी बीमारी थी- खराब कानून-व्यवस्था।

इन सारी बीमारियों की जड़ में सबसे बड़ी बीमारी थी- वोट बैंक पॉलिटिक्स।

 

आज गुजरात उन सारी बीमारियों को छोड़करसबसे आगे चल रहा है। आज जब बात होती है हाईटेक अस्पतालों कीतो गुजरात का नाम सबसे ऊपर रहता है। शिक्षा संस्थानों की बातएक से बढ़कर एक यूनिवर्सिटी की बात हो तो आज गुजरात का कोई मुकाबला नहीं है।

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