ए अल्लाह सारे आलम में अमन चैन और सुकून अता फरमा

 मुल्क की खुशाली के लिए

लाखों लोगों ने उठाए दुआ के लिए हाथ


दुआ के साथ हुआ समापन चार दिन तक चले 73 वें आलमी तबलीगी इज्तेमा का 

 भोपाल ए अल्लाह सारे आलम में अमन चैन और सुकून की हवाएं चला दे या अल्लाह मुल्क में मोहब्बत और भाईचारा अता फरमा । या अल्लाह हमें नेक रास्ते पर चलने की तो फिर अता फरमा । या अल्लाह हमारी दुवाओं को कुबूल फरमा।

राजधानी भोपाल के ईट खेड़ी स्थित घासी पूरा में आयोजित चार दिन तक चले 73 वें आलमी तबलीगी इज्तेमा का  दिल्ली मरकज से आए मौलाना साद साहब द्वारा की गई मुल्क में अमन चैन की दुआ के साथ समापन हो गया।

इसके पहले मौलाना साद साहब ने अल्लाह के रास्ते में जाने वाली जमातो को रवाना करने से पहले ईमान और यकीन की बातें बताई।उन्होंने कहा कि यह रास्ता बहुत ऊंचा रास्ता है नबीयों वाला रास्ता है इसकी बड़ी अहमियत है। इस रास्ते में दुआएं कुबूल होती है। यह रास्ता हमें जिंदगी जीने का सलीक़ा सिखाता है। इस रास्ते पर चलकर हम दुनिया और आखिर की कामयाबी को हासिल कर सकते हैं।

कल शाम भी मगरिब की नमाज के बाद मौलाना साद साहब ने इज्तेमा की अहमियत को बताते हुए अल्लाह की नजरों में मोमिन की अहमियत बताई। उन्होंने कहा कि किसी भी मुसलमान को हंसी और समझना इस्लाम को खतरे में डालने के बराबर है। उन्होंने कहा कि इस्लाम तो मोहब्बत और भाईचारे का श्याम देता है लड़ाई झगड़े का सलाम से कोई ताल्लुक नहीं है। इसलिए हमें एक दूसरे की मदद करते हुए मोहब्बत और भाईचारे का संदेश देना चाहिए।

लाखों लोगों ने की दुआ में शिरकत

राजधानी भोपाल के ईट खेड़ी स्थित घासी पूरा में आयोजित चार दिन तक चले 73 वें आलमी तबलीगी इज्तेमा मैं पिछले चार दिनों के दौरान लाखों मुसलमान भाइयों ने शिरकत की दौरान दिल्ली मुंबई एवं ग्रुप अंधेरों से आए हुए उलमा अब रात ने अपनी तकरीरें की । आलमी तबलीगी इज्तेमा के चौथे एवं अंतिम दिन दुआ में शामिल होने के लिए शहर भर से लाखों लोगों ने शिरकत की तथा बागा है इलाही में हाथ उठाकर दुआ मांगी। वैसे तो रात भर से लोगों का  इज्तेमा स्थल की औरजाना शुरु हो गया था सुबह होते होते शहर की विभिन्न गलियों एवं सड़कों से होते हुए लोग इस्तिमा गाह पहुंच गए थे जावां लाखों लोगों ने साथ बागा है इलाही में हाथ उठाकर दुनिया एवं देश के लिए शांति सद्भाव एवं भाईचारे की दुआ की।दुआ में शामिल होने के लिए आज सुबह से ही लोगों का सैलाब उमड़ा शुरू हो गया था देखते ही देखते लाखों लोग दुआ के लिए एकत्रित हो गए और रो रो कर अल्लाह ताला से दुआ की। दुआ में बच्चे बूढ़े बुजुर्ग सभी लोग शामिल थे। जो कि मुल्क की खुशहाली के लिए दुआ कर मांग थे।

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