बच्चों के ऊपर से पढ़ाई के वक्त,एक गरीब परिवार में होने के बाद पिता का साया सर से उठने के बाद,अब उस परिवार पर आर्थिक संकट मंडराने लगे हैं।माँ का कहना है कि मेरे सभी बच्चे आगे भी पढ़ाई चालू रखना चाहते हैं लेकिन जिस माँ के ऊपर परिवार में खाने के लाले पडे हो वो भला कैंसे पाँच-पाँच बच्चों की पढ़ाई का बोझ उठाएगी,यह आप भली भांति समझ सकते है।बड़ी बेटी कहती है कि मेरे पापा कहते थे कि तुमको डॉक्टर बनाएंगे लेकिन अब उस बेटी का सपना बीएससी में फस्ट आने के बाद भी महज सपना बनकर रह गया है ।
सरकारी महकमे ने नही सुनी बात
इस परिवार से हमारी मुलाकात गाडरवारा थाने में हुई,जहाँ वो माँ अपने परिवार को लेकर मदद लेने के लिए आई हुई थी। पति के साथ हुई इस हैवानियत के बाद पूरा परिवार टूट चुका है।मजदूरी कार्ड व अन्य सरकारी दस्तावेज होने का बाद भी,ना तो पंचायत ने कोई मदद की गई और ना ही किसी अन्य अधिकारी द्वारा कोई मदद प्रदान की। इस परिवार के लोग,हर जगह अपनी आँखो में आँसू लिए,उस दानवीर की बाट जोख रहा है कि जो उसकी मदद के लिए आगे आएगा।लेकिन समाज मे केवल संवेदनाओं के अलावा कोई ऐंसा व्यक्ति दिखाई नही दे रहा,जो इस परिवार की मदद कर सके जिससे उस परिवार के जीने की आस जग सके ।
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