आवरण कथा: कनेक्टिंग इंडिया जल, थल और नभ में बढ़ी कनेक्टिविटी विकसित भारत का आधारस्तंभ है राष्ट्र की तेज प्रगति...




 

21वीं सदी में भारत में कनेक्टिविटी ही देश की प्रगति की गति को निर्धारित करेगी। इसलिए हर स्तर पर कनेक्टिविटी को आधुनिक बनानेआधारशिला तैयार कर आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करने और आधुनिक तकनीक का अधिक से अधिक प्रयोग करने के विजन के साथ देश मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी को नई दिशा दे रहा है। जीवन में बदलाव के लिए देश को हर दिशा में कनेक्ट करना आवश्यक पहल है। ऐसे में इस परिवहन दिवस और विश्व विज्ञान दिवस (10 नवंबर) के अवसर पर जानते हैं कि विज्ञान-तकनीक के बेहतर प्रयोग से भारत में सड़कें बन रही हैंहवाईजलमार्ग की सुविधाएं भी बढ़ रही हैं तो पर्यावरण हितैषी इर्ॱधन और वाहन बन रहे हैं समृद्धि की वजह और पंच प्राणों में से एक - भारत को विकसित व आत्मनिर्भर बनाने की राह को गति प्रदान कर रहा है राष्ट्र…...

 

हमारी सड़कें हमारी समृद्धि के साथ जुड़ी हुई है। जॉन एफ केनेडी ने अमेरिका के बारे में कहा था- “अमेरिका की सड़कें इसलिए बहुत अच्छी नहीं है कि अमेरिका धनी देश हैअमेरिका इसलिए धनी है क्योंकि यहां सड़कें बहुत अच्छी हैं।” कुछ इसी तरह के दृष्टिकोण के साथ भारत को आत्मनिर्भर बनानेसुखीसमृद्धसंपन्न और शक्तिशाली राष्ट्र बनाने का जो संकल्प प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिया हैउसे साकार करने के लिए केंद्र सरकार ने एलान किया है कि वर्ष 2024 के समाप्त होने के पहले हिंदुस्तान का सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर अमेरिका के बराबर होगा। इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और विकास भी होगा। कृषि-पर्यटन के क्षेत्र में भी बढोतरी होगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से पंच प्राण का जो संकल्प लिया था- उसमें उन्होंने दो-टूक कहा था- “अब देश बड़े संकल्प लेकर ही चलेगा। बहुत बड़े संकल्प लेकर चलना होगा। और वो बड़ा संकल्प है विकसित भारतअब उससे कुछ कम नहीं होना चाहिए।” उन्हीं पंच प्राणों को प्रतिष्ठित करने की दिशा में कनेक्टिविटी महत्वपूर्ण आधार है। किसी भी राष्ट्र की प्रगति में जुड़ी होती है गति… यानी स्पीड... रफ्तार…। नवंबर का महीना परिवहन और कनेक्टविटी के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि देश 10 नवंबर को राष्ट्रीय परिवहन दिवस मनाता हैजो पहले सुरक्षित परिवहन पर जागरुकता के कार्यक्रम तक सीमित होता था। लेकिन अब परिस्थितियां बदली और पर्यावरण हितैषी परिवहन पर भी जोर दिया जाने लगा। संयोगवश इसी दिन विश्व विज्ञान दिवस भी मनाया जाता है। कनेक्टिविटी में विज्ञान-तकनीक की भूमिका उतनी ही महत्वपूर्ण हो जाती है।

भारत की प्रगति की कहानी भाप इंजन से बुलेट ट्रेन और वंदेभारत ट्रेन तकसड़क परिवहन में सामान्य वाहन से इलेक्ट्रिक और


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