जम्मू-कश्मीर के लोगों को केंद्र सरकार की विकास योजनाओं से दूर करने वाले अनुच्छेद 370 व 35ए को हटाने का असर यहां लगातार दिख रहा है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का युगांतरकारी और बहु-प्रतीक्षित फैसला ही था, जिसके सुखद परिणाम अब सामने आ रहे हैं। आजादी के बाद 70 सालों में यहां सिर्फ 15,000 करोड़ रुपये का निवेश आया था। लेकिन अब 3 सालों में केंद्र सरकार ने 56,000 करोड़ रुपये का निवेश लाने का काम किया है। टैरर स्टेट की बजाय इसकी पहचान टूरिस्ट स्टेट के रूप में हो रही है। जम्मू और कश्मीर के संपूर्ण विकास के इन्हीं प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने तीन दिन के दौरे पर यहां 500 से ज्यादा विकास परियोजनाओं का शिलान्यास व शुभारंभ किया। 4 अक्टूबर को जम्मू में उन्होंने 1960 करोड़ रुपये की 263 परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया तो वहीं अगले ही दिन बारामूला में करीब 2,000 करोड़ रुपये की 240 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया। उन्होंने कहा, “ पहले कश्मीर में जम्हूरियत की व्याख्या सिर्फ 3 परिवार, 87 विधायक और 6 सांसद थी। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने 5 अगस्त 2019 के बाद लोकतंत्र को गांव के पंच, सरपंच, बीडीसी और जिला पंचायत तक पहुंचा कर 30,000 लोगों को जम्हूरियत से जोड़ने का काम किया है। पहले घाटी के युवाओं के हाथ में पत्थर और बंदूक पकड़ा दी गई थी, लेकिन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां उद्योग लगाकर युवाओं के हाथ में मोबाइल और लैपटॉप पकड़ाने का काम किया है ताकि युवा रोजगार हासिल कर सकें।”
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