ग्राम केरपानी में लोक सुनवाई का हुआ आयोजन
नर्मदा घाटी विकास विभाग के अधीन नरसिंहपुर जिले में प्रस्तावित चिनकी बोरास बैराज संयुक्त बहुउद्देशीय परियोजना का भारत सरकार पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय,नईदिल्ली की पर्यावरण प्रभाव आंकलन अधिसूचना क्रमांक एस.ओ.1533 दिनांक 14.9.2022 यथा संशोधित के प्रावधानों के अंतर्गत सिंचित क्षेत्रफल 131925 हेक्टेयर एवं 50 मेगावाट जल विद्युत उत्पादन किया जावेगा,इस हेतु राज्य स्तरीय विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति भोपाल से पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए लोक सुनवाई शिविर का आयोजन दिनांक 9 नवंबर दिन बुधवार को समय 12 बजे से माँ नर्मदा जी एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राजा हिरदेशाह मूर्ति पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर ग्राम केरपानी तहसील करेली जिला नरसिंहपुर में किया गया।
जिला प्रशासन नरसिंहपुर की ओर से अपर कलेक्टर एवं अपर जिला दण्डाधिकारी दीपक कुमार बैद्य ने कार्यक्रम एवं में आलोक कुमार जैन क्षेत्रीय अधिकारी, म.प्र.प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड विजय नगर जबलपुर,कार्यपालन यंत्री अंकुर शर्मा ने प्रस्तावित परियोजना के संबंध में विस्तृत जानकारी दी एवं पी.पी.टी. के माध्यम से जानकारियों का प्रदर्शन किया गया। उपस्थितजन समुदाय को परियोजना के संबंध में विस्तृत विवरण में बताया कि संयुक्त परियोजना अंतर्गत नर्मदा नदी पर नरसिंहपुर जिले की करेली तहसील में ग्राम चिनकी के समीप बैराज एवं जल विद्युत गृह का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है,इसी प्रकार रायसेन जिले की उदयपुरा तहसील के ग्राम चौरास के समीप बौरास बैराज एवं जल विद्युत ग्रह का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है।परियोजना के कुल पाँच स्थानों पर पम्पहाऊसों का निर्माण किया जाकर दाब युक्त सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली द्वारा भूमिगत पाईपों का जाल बिछाकर 396 ग्रामों में सिंचाई सुविधा विकसित की जानी है,सिंचाई की इस उन्नत तकनीक से प्रति 2.5 हेक्टयर के क्षेत्रफल मे आऊटलेट का प्रावधान है,जिससे अंतिम छोर के कृषकों को भी सिंचाई के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध रहेगा,भू-जलस्तर में वृद्धि होगी,मूल्यवान जल की बर्बादी नही होगी,मत्स्य उत्पादन में वृद्धि,पर्यटन की प्रबल संभावना होगी,जल सरंचना के संचालन,संधारण मरम्मत एवं आवागमन हेतु ऊपर पुल का निर्माण कार्य प्रस्तावित है।उल्लेखनीय यह है कि परियोजना निर्माण में विस्थापन नही रहेगा एवं बैराज निर्माण उपरांज जलभराव का स्तर नर्मदा नदी के दोनों तटबंधो पर ही रहेगा।परियोजना का कार्य दिसंबर 2027 मे पूर्ण हो जावेगा। परियोजना निर्माण की अवधि 6 वर्ष निर्धारित की गई।पर्यावरण विशेषज्ञ डॉक्टर अविनाश करेरा के द्वारा पर्यावरण के संबंध में एवं पर्यावरण प्रभाव के संबंध में प्रशांत तोमर द्वारा विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायी गई।इसके पश््चात क्षेत्रीय अधिकारी म.प्र.प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड जबलपुर के द्वारा उपस्थित जनमानस से अपने सुझाव प्रगट करने परियोजना के संबंध मेंआपत्ति टीका टिप्पणी के लिए आंमत्रित किया गया। साथ ही अपना पक्ष लिखित एवं मौखिक रूप से प्रस्तुत करने हेतु निवेदन किया गया।जनसुनवाई के दौरान जनमानस ने अपने विचार रखे तत्संबंध में परियोजना के बारे में अपर कलेक्टर एवं जनसुनवाई शिविर के अध्यक्ष ने जिला प्रशासन की ओर से कृषकों को प्रस्तावित चिनकी-बौराज परियोजना के बारे में लाभ-हानि की विस्तृत जानकारी दी गई।इस अवसर पर स्थानीय ग्रामों के किसान व महिलाएं उपस्थित थीं।विभाग की ओर से इंजी. केएस ठाकुर,इंजी. देवेन्द्र डेहरिया,इंजी. राजेश ठाकुर,इंजी. एलके डेहरिया,इंजी. जीपी अठ्या,इंजी. सीएल विश्वकर्मा,सतीश चौकसे,पीएल अहिरवार एवं अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।कार्यक्रम का संचालन इंजी. डीएस दोनेरिया ने किया।
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