रायसेन/- जिले में बीते दिन बुधवार 19 अक्टूाबर 2022 को जहां पर म.प्र.जन अभियान परिषद जिला रायसेन में स्वै्च्छिक संस्थांओं का एक दिवसीय प्रशिक्षण दिनांक 19 अक्टूबर 2022 को जिला पंचायत सभाग्रह में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभांरभ मॉ सरस्वकती एवं मॉ भारती के चित्र पर माल्या र्पण एवं दीप प्रज्जंलन कर शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम में अतिथि के रूप में जन अभियान परिषद से अमिताभ श्रीवास्तंव संभाग प्रभारी वरूण आचार्य संभाग समन्वपयक भोपाल वक्ताप आदर्श दुबे डॉ.एच.बी.सेन मुकेश ठाकुर विवेक सूर्यवंशी तथा जिले के समस्ति ब्लॉपको से आये हुये स्वैाच्छिक संस्था ओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे तथा कार्यक्रम का प्रेरणा गीत से प्रांरभ किया गया। कार्यक्रम अतिथि अमिताभ श्रीवास्ताव द्वारा समस्तम स्वैेच्छिक संस्थाकओं को कार्य करने के लिए सबसे मुख्यव है। स्वीयं की इच्छा से कार्य करना जो कि नाम से ही स्पवष्टछ है। स्वैाच्छिक संस्थाल दूसरा बिन्दु है। सामुहिक रूप से कार्य कराना है। संस्थाोओं को समूह के रूप में कार्य किया जाये तो परिणाम सतछप्रतिशत प्राप्त् होते है। तथा सामुहिक रूप से कार्य करना संस्था का उददेश्या है। साथ ही संस्थाप प्रतिनिधियों सदस्योंथ को स्वािबलम्वरन के साथ कार्य करना ही हमारा उददेश्य है। बतलाया एवं एफसीआर के बारे में जानकारी दी गई।
इसी क्रम में संभाग समन्वशयक वरूण आचार्य द्वारा बतलाया कि संगठन के बगैर कोई कार्य सम्पइन्न नहीं हो सकता है स्वैरच्छिक संगठन स्वठयं की इच्छाय प्रबल हो तभी कार्य सही तरीके से कर सकता है बतलाया। कार्यक्रम में प्रथम सत्र जिला समन्वचयक कल्यासणसिंह राजपूत द्वारा जन अभियान परिषद का परिचय पंजीयन तथा गठन संचरना के बारे में विस्तृयत बतलाया है। द्वितीय सत्र दीपचंद मालवीय विकासखण्डन समन्वनयक गैरतगंज द्वारा परिषद की योजनाओं के बारे में प्रस्फुरटन नवांकुर सृजन दृष्टि विस्ताजर तथा संस्थारओं द्वारा किये जा रहे। कार्यक्रमों तथा गतिविधियों के बारे मे बतलाया। इसी क्रम में सीएसआर विषय पर आदर्श दुबे रिसर्च एसोशियेट रायसेन द्वारा विस्तृत जानकारी दी। तथा कम्पपनी से कैसे सम्पर्क किया जाये। कार्य हेतु कम्पओनी से कैसे जुडा जाये। विषयों पर प्रशिक्षण दिया। चतुर्थ सत्र – स्वैसच्छिक संगठनों को महत्वकपूर्ण अधिनियमों की जानकारी दी। जहां पर पंचम सत्र – डॉ.एच.बी.सेन कृषक सहयोग संस्थांन रायसेन द्वारा स्वयं सेवी संस्थाओं या स्वै्च्छिक संस्थाओं के रूप में अनेक संस्थाएं कार्य कर रही है। इनमें से कुछ संस्थाएं अनौपचारिक स्वरुप की एवं कुछ औपचारिक स्वरूप की होती है। समुदाय द्वारा बहुत सी संस्थाएं समाज के कल्याण के लिए गठित कर ली जाती है, उनका किसी विधि एवं कानून के अंतर्गत पंजीयन एवं विनियमन नहीं होता है। जैसे महिला मण्डल युवक मण्डल कृषक क्लब ग्रेन बैंक स्पोर्टस क्लब या किसी उद्देश्य विशेष के लिए गठित संस्थाए। औपचारिक स्वरूप के अंतर्गत उन संस्थाओं को ले सकते है। जो किसी न किसी कानून के अंतर्गत पंजीकृत की जाती है। ऐसी स्वयंसेवी संस्थाएं निम्न कानूनो अधिनियमों के अंतर्गत गठित की जाती है।:-1. सोसायटी रजिस्टीकरण अधिनियम 2. पब्लिक ट्रस्ट एक्ट
3. कम्पनी अधिनियम ये अधिनियम राष्ट्रीय अधिनियम भी हैं। और राज्य के अपने अधिनियम भी हैं। जैसे सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम एवं पब्लिक ट्रस्ट एक्ट हर राज्य के लिए अलग अलग भी है। कम्पनी एक्ट पूरे देश के लिए एक ही है। इन कानूनों के अंतर्गत गठित संस्थाओं को उद्देश्य लाभ कमाना न होकर समाज के लिए कल्याणकारी कार्यक्रमों का संकलन एवं परोपकारी कार्य करना होता है। छटवा सत्र – सामाजिक अंकेक्षण एवं प्रभाव का आंकलन विषय पर विवेक सूर्यवंशी मनरेगा जिला पंचायत रायसेन द्वारा सामाजिक अंकेक्षण किसी गांव के विकास या जनता को सौंपे गए। अधिकार से संबधित किसी मुद्दे पर पाई-पाई का हिसाब लेना एवं उस पर नजर रखना और यह तय करना कि वह समाज हित में है। या नही है। व्यापक अर्थों में सामाजिक अंकेक्षण ‘हमारा पैसा-हमारा हिसाब’ की अवधारणा का मूर्त रूप है। यह विकेंद्रीकृत शासन और पारदर्शिता की सार्वजनिक जन-प्रक्रिया है। जिसमें आम आदमी जिसका प्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष रूप से हित जुड़ा हो अपनी स्पष्टता व समाधान कर सकता है। अंत में सभी स्वै्च्छिक संगठनों को भोजन उपरांत आभार व्य क्तह कर प्रशिक्षण का समापन किया गया।
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