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सिंगरौली/- जिले भर में सूर्यग्रहण का अद्भुत नजारा देखा गया।सूर्य ग्रहण के दौरान लोगो ने मंदिरों और पूजा पाठ स्थलों के दरवाजे बंद रखे।दुनिया के कई देशों के साथ साथ 25 अक्टूबर मंगलवार को अमावस्या तिथि पर
देश भर में आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई दिया।दुनिया भर मे विज्ञान अनुसंधान केंद्रों में वैज्ञानिकों द्वारा इस खगोलीय घटना क्रम को रिकार्ड किया गया। मंगलवार को शाम 4.19 बजे से शुरू हुए सूर्य ग्रहण को प्रदेश के सिंगरौली जिले के विभिन्न क्षेत्रों में दिखाई दिया। इस खगोलीय घटना को देखने लोगों में भारी उत्साह देखा गया।लोगों ने एक ओर जहां सूर्य ग्रहण को अपने कैमरे में क़ैद किया वहीं रंगीन सीसे और चस्मे से देखने में उत्साहित रहे।कुछ लोग इस दौरान घरों में कैद रहे।वहीं कुछ लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हुए नजर आए।ज्यादा तर लोग घरों में ही मौजूद रहें।
*क्या है धार्मिक मान्यता*
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इसे नौ ग्रहों और नक्षत्रों के इष्ट देवता सूर्य के संकट काल को जोड़कर देखा जाता है।इस दौरान सूर्य देव को राहु केतु नामक राक्षस अपना ग्रास बना लेता है।ऐसी मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान 11 रत्नों में से एक अमृत कलश निकला था,जिसे देवताओं ने इसे आपस में बाटने का निर्णय लिया। अमृत वितरण के दौरान राहु केतु नामक दो राक्षस ने अपना भेष देवताओं रूप में धारण कर अमृत पान किया।जिसकी जानकारी होते ही भगवान विष्णु ने छद्म रूप में राहु केतु राक्षस द्वारा अमृत पान करने पर सृष्टि के लिए खतरा पैदा करने पर अपने सुदर्शन चक्र से सिर धड़ से अलग कर दिया।इसके पश्चात से ही अमावस्या तिथि को सूर्य और पूर्णिमा को चंद्रमा को अपना ग्रास बनाते हैं।जिसको लेकर धार्मिक मान्यताओं और प्राकृतिक वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा उत्पादन होता है जिसका दुष्प्रभाव कम करने के उद्देश्य से सूर्य ग्रहण के बाद स्नान दान और पूजा पाठ किये जाने की मान्यता है।
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