सहकारी बैंक मनेंद्रगढ़ में ग्रामीणों के बिना दक्षिण चढ़ाए नही होते हैं कार्य

 




जिला एमसीबी दैनिक मधुर इंडिया के लिए दीपेन्द्र शर्मा की रिपोर्ट 



एमसीबी - छत्तीसगढ़ प्रदेश सरकार ने जहां 2500 रुपए धान की खरीदी की घोषणा कर 15 साल से प्रदेश में काबिज भाजपा की सरकार बदल दी।


किसानों को रिझाने के लिए प्रदेश एवम केंद्र सरकार जहां तरह तरह की योजनाओं को सृजित कर किसानों के हित में हर प्रयास कर रही है।


लेकिन भोले भाले किसानों की हालत सहकारी बैंक मनेंद्रगढ़ ने बद से बदतर कर दी है।


अपने ही पैसों के लिए दूर दराज के भोले भाले ग्रामीण 70-80 किलोमीटर की लम्बी दूरी तय कर सुबह से सहकारी बैंक मनेंद्रगढ़ में बैंकिंग कार्यों हेतु आते हैं। 



जहां विविध कार्यों के लिए अगर भोले भाले ग्रामीण किसान अगर बैंक के कर्मचारियों से बात करना चाहे तो चौकीदार द्वारा गेट से अन्दर घुसने नही दिया जाता है। 


अगर एंट्री मिल भी जाए तो ग्रामीणों को दर्जनों कमियां गिनाकर एक सप्ताह बाद आना कहकर भगा दिया जाता है। 


वहीं अगर बिचौलिए लोग गोलू भाई देख लो इसे कह दे तो सप्ताह भर वाला काम 5मिनिट में हो जाता है।


और हां अगर ग्रामीण सप्ताह भर पहले खाता खुलवाने वाला फॉर्म भर के बकायदा उसे बैंक के कर्मचारियों द्वारा जमा कर सप्ताह भर बाद पास बुक के लिए आए तो उसे दिन भर घुमाया जाता है। 



लाख मिन्नत के बाद अथवा पहचान के बिचौलिए से कहलवा देने से पास बुक संबंधित खाता धारी को हाथ में दे दिया जाता है। 


अगर खाताधारी ने चढौतरी नही दी तो पास बुक देने के बाद कैश काउंटर में बैठी मैडम द्वारा खाताधारी तो कहीं कोई कमी नही निकलता है।



वहीं बकायदा बिचौलिए द्वारा भरपूर आनंद लेते हुए हंसी मजाक के बीच 5 मिनट के अन्दर सैकड़ों के भीड़ भाड़ में आसानी से कार्य करवा लिया जाता है।


और जब इस बारे में बैंक मैनेजर से  दूरभाष के माध्यम से बात किया गया तो उन्होंने बताया कि मै 15 दिन की छुट्टी में था और ये सब आरोप बेबुनियाद है यदि हमारे कर्मचारी ऐसा किए तो मुझसे आकर शिकायत दर्ज करवाना था!


उल्लेखनीय है यह है कि एकमात्र इसी बैंक में ग्रामीणों किसानों धान खरीदी कार्य का पैसा  इसी बैंक में जमा होता है जिसे निकलने के लिए गरीब किसान 70-80 किलोमीटर दूर से आते है!


 अब सवाल यहा यह खड़ा होता है कि आख़िर कर बैंक कर्मचारी क्यों इन गरीब किसानो के साथ बदसलूकी करते है?


आख़िर ये गोलू भाई है कौन जो कर्मचारी इन इनकी बात मानते है?


आख़िर क्यों बैंक मैनेजर को इन सब बातो की जानकारियां नही है!

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