भिण्ड मुख्य न्यायाधिपति/मुख्य संरक्षक राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के आदेशानुसार 14 दिसंबर, 2019 को भिण्ड जिले में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाना सुनिश्चित किया गया है। उक्त आदेश के परिपालन में जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, भिण्ड श्री जे0के0 वर्मा के निर्देशन में एवं अपर जिला न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड श्री संजय कुमार द्विवेदी के मार्गदर्शन में जिला मुख्यालय, भिण्ड एवं न्यायिक तहसील मेहगांव, गोहद, एवं लहार के प्रत्येक न्यायालय में 14 दिसंबर, 2019 को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाना है।
नेशनल लोक अदालत में आपराधिक शमनीय प्रकरण, पराक्रम्य अधिनियम की धारा 138 के प्रकरण, बैंक रिकवरी संबंधी मामले, एम.ए.सी.टी. (मोटर-दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा प्रकरण), वैवाहिक, श्रम, भूमि, अधिग्रहण, विद्युत एवं जलकर/बिल, सेवा मामले जो सेवा निवृत संबंधी लाभों से संबंधित है, राजस्व प्रकरण जो केवल जिला कोर्ट में लम्बित हो, दीवानी मामलें तथा अन्य समस्त प्रकार के राजीनामा योग्य, प्रीलिटिगेशन (मुकदमा पूर्व) एवं न्यायालयों में लंबित प्रकरणों का निराकरण किया जावेगा। उक्त लोक अदालत में राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि पूर्ववर्ती सामान्य लोक अदालतों में दी गई छूट के समान विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126, 135 एवं 138 के अंतर्गत न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिए 14 दिसंबर, 2019 को होने वाली नेशनल लोक अदालत में लंबित प्रकरणों में निम्नदाब श्रेणी के घरेलू व कृषि, 5 किलो वाट भार तक के गैर घरेलू तथा 10 अश्व शक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को निम्नानुसार छूट प्रदाय की जायेगी।
प्रीलिटिगेशन स्तर पर कम्पनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 40 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान पर चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात् प्रत्येक छमाही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जावेगी। लिटिगेशन स्तर पर कम्पनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 25 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात्् प्रत्येक छमाही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट की जावेगी।
उपरोक्तानुसार छूट नियमानुसार शर्तों के तहत आवेदक को निर्धारित छूट के उपरांत शेष देय आंकलित सिविल दायित्व एवं ब्याज की राशि का एक मुश्त भुगतान करना होगा। उपभोक्ता/ उपयोगकर्ता का विचाराधीन प्रकरण वाले परिसर एवं अन्य परिसरों पर उसके नाम पर किसी अन्य संयोजन/ संयोजनों के विरूद्ध विद्युत देयकों की बकाया राशि का पूर्ण भुगतान भी करना होगा। आवेदक के नाम पर कोई विधिक संयोजन न होने की स्थित में छूट का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदक द्वारा विधिक संयोजन प्राप्त करना एवं पूर्व में विच्छेदित संयोजनों के विरूद्ध बकाया राशि (यदि कोई हो ) का पूर्ण भुगतान किया जाना अनिवार्य होगा।
नेशनल लोक अदालत में छूट आवेदक द्वारा विद्युत चोरी/अनाधिकृत उपयोग पहली बार किए जाने की स्थिति में ही दी जावेगी। विद्युत चोरी/अनाधिकृत उपयोग के प्रकरणों में पूर्व की लोक अदालत/अदालतों में छूट प्राप्त किए उपभोक्ता/उपयोगकर्ता छूट के पात्र नहीं होगें। सामान्य विद्युत देयकों के विरूद्ध बकाया राशि पर कोई छूट नहीं दी जावेगी। यह छूट मात्र नेशनल लोक अदालत 14 दिसंबर, 2019 में समझौता करने के लिए ही लागू रहेगी। अपराध शमन फीस अधिनियम के प्रावधान अनुसार वसूल की जावेगी। पक्षकारगण से अपील की जाती है कि वह अपने मामलों का लोक अदालत के माध्यम से निराकरण कराकर उक्त दी जाने वाली छूट का लाभ प्राप्त करें।
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