फ़ासला तुमसे हुआ अच्छा हुआ 

फ़ासला तुमसे हुआ अच्छा हुआ 

ख़ुद में लौटी ये ज़रा अच्छा हुआ

 

 

दूर रह कर भी रही न दूरियाँ 

हर जगह तू ही दिखा अच्छा हुआ

 

 

इस  मुहब्बत ने सताया रात दिन

कैसे कह दूँ सिलसिला अच्छा हुआ

 

 

ढल रही है उम्र बस ये सोच कर 

ज़िन्दगी में जो हुआ अच्छा हुआ

 

हर दुआ माँ की रही है साथ में 

ज़िन्दगी में फ़ायदा अच्छा हुआ

 

प्यार होते होते उनसे रह गया

टल गया इक हादसा अच्छा हुआ 

 

, भारती शर्मा कनाडा ,

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